क्रांतिकारी राजा भभूत सिंह

जनजातीय गौरव सप्ताह 8 से 15 नवम्बर सतपुड़ा के कोरकू गौरव - क्रांतिकारी राजा भभूत सिंह (आलेख - चाणक्य बख्शी, पचमढ़ी) सुप्रसिद्ध देवगढ़ राज्य के गोण्ड राजवंश द्वारा राजकीय सनद से भोपा गोत्र के महादेव भक्त कोरकुओं को पचमढ़ी जागीर का अधिकार दिया गया था जो वर्तमान मध्यप्रदेश के होशंगाबाद तथा छिन्दवाड़ा जिलों के बड़े हिस्सों में फैली हुई थी। पचमढ़ी बड़ा महादेव के पारंपरिक सेवक व संरक्षक परिवार में देनवा नदी के तट पर संयुक्त पचमढ़ी जागीर के स्वामी कोरकू ठाकुर अजीत सिंह जी के वंश में हर्राकोट राईखेड़ी शाखा के जागीरदार परिवार में राजा भभूत सिंह ने जन्म लिया था। पचमढ़ी की महादेव चौरागढ़ पहाड़ियों में राजा भभूत सिंह जी के पितामह ठाकुर मोहन सिंह ने 1819-20 में अंग्रेजों के विरूद्ध नागपुर के विप्लवी राजा अप्पा साहेब भोंसले का तन मन धन से सहयोग किया था । अपने दादाजी के पदचिन्हों पर चलते हुए युवा राजा भभूत सिंह ने 1857 की क्रांति के नेता तात्याटोपे के आव्हान पर 1858 में भारत के प्रथम सशस्त्र स्वातंत्र्य समर में कूदने का निर्णय लिया। अक्टूबर 1858 के अंतिम सप्ताह में नर्मदा ...