अखंड भारत
14 अगस्त 1947 वो दिन है जब अखंड भारत का आखरी दिन था भारत को दो देशो में बाट दिया गया जो की आज तीन हिस्सों में है स्वतंत्रता का जश्न मनाने के साथ ही भारत विभाजन का दर्द भी ह्रदय में होना चाहिए 14 अगस्त को भारत की अखंडता ख़त्म हुई जो की पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस है..
हमारी नई पीढ़ी को भारत के स्वरुप और विशेषताओ के बारे में जानकारी नही है हमें इसके प्रति उन्हें जागरूक करना चाहिए ताकि भारत के स्वरूप, विशेषताओ, गौरवशैली परम्पराओ और संस्कृति के बारे में जान कार गर्व महसूस कर सके ।
हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी एक कविता में उन्होंने अखंड भारत का स्वप्न संजोया है "दिन दूर नही खंडित भारत को पुनः अखंड बनाएंगे, गिलगिट से गारो पर्वत तक तिरंगा झंडा फहराएंगे।" दोस्तों भारत का राजनैतिक नही पर सांस्कृतिक स्वरुप व्यापक है भारत का अखंड होना नियति है।
खंडित भारत में एक सशक्त तेजोमय राष्ट्र् जीवन खड़ा करके ही अखंड भारत के लक्ष्य की ऒर बढना संभव होगा भारत की सांस्कृतिक चेतना और विविधता में एकता का प्रत्यक्ष दर्शन खड़ा करना होगा।देश को पुनः अखंड और सम्पूर्ण बनाने का संकल्प लेना होगा और बार बार मन में दोहराना होगा ताकि हमें याद रहे की हमें पुनः जुड़ कर एक होना हैं अखंड भारत का निर्माण संकल्प लेना होगा की इस प्राचीन राष्ट्र् को पुनः अपना खोया हुआ गौरव प्राप्त हो।
14 अगस्त को ही महान् क्रन्तिकारी देशभक्त महर्षि अरविन्द का भी जन्म दिन है महर्षि अरविन्द ने कहा था की "नियति ने इस भारत भुखण्ड को एक राष्ट्र् के रूप में बनाया है और विभाजन अस्थाई है देश के लोगो को संकल्प लेना चाहिए की चाहे जेसे भी हो और चाहे कोई भी रास्ता अपनाना पड़े विभाजन समाप्त होकर पुनः अखंड भारत का निर्माण होना चाहिए।"
देश को एक संघठित, समृद्ध, शक्तिशाली और सामर्थ्यवान राष्ट्र् का लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ाना ही हमारी नियति है।
टिप्पणियाँ